मेरे जीने मरने में, तुम्हारा नाम आएगा। मैं सांस रोक लू फिर भी, यही इलज़ाम आएगा। हर एक धड़कन में जब तुम हो, तो फिर अपराध क्या मेरा, अगर राधा पुकारेंगी, तो घनश्याम आएगा।

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उसी की तरहा मुझे सारा ज़माना चाहे, वो मेरा होने से ज्यादा मुझे पाना चाहे, मेरी पलकों से फिसल जाता है चेहरा तेरा, ये मुसाफिर तो कोई ठिकाना चाहे।

02

मेरा जो भी तर्जुबा है, तुम्हे बतला रहा हूँ मैं कोई लब छु गया था तब, की अब तक गा रहा हूँ मैं बिछुड़ के तुम से अब कैसे, जिया जाये बिना तडपे जो मैं खुद ही नहीं समझा, वही समझा रहा हु मैं

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मोहब्बत एक अहसासों की, पावन सी कहानी है, कभी कबिरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी है, यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं, जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है।

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स्वंय से दूर हो तुम भी स्वंय से दूर है हम भी बहुत मशहूर हो तुम भी बहुत मशहूर है हम भी बड़े मगरूर हो तुम भी बड़े मगरूर है हम भी अतः मजबूर हो तुम भी अतः मजबूर है हम भी

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वो जिसका तीरे छुपके से जिगर के पार होता है वो कोई गैर क्या अपना ही रिश्तेदार होता है किसी से अपने दिल की बात तू कहना ना भूले से यहां खत भी जरा सी देर में अखबार होता है।

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कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है मगर धरती की बैचेनी तो, बस बादल समझता है मैं तुमसे दूर कितना हु , तू मुझसे दूर कितनी है ये तेरा दिल समझता है , या मेरा दिल समझता है।

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